tag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post2237929393828232043..comments2023-10-16T05:54:41.543-07:00Comments on Benakab: 59. मधु सिंह : बूढी दादी के आँचल पर Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/14500351687854454625noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-68166788559681666912013-02-07T21:33:19.226-08:002013-02-07T21:33:19.226-08:00दादी माँ की ब्यथा कथा को शब्द देती मर्मस्पर्शी और ...दादी माँ की ब्यथा कथा को शब्द देती मर्मस्पर्शी और ह्रदय को व्यथित करने वाली कविता , पढ़ के प्रेमचंद की याद आ गयी ,सदियों से ये दर्द यथावावत क्यों है ? हमारे पारिवारिक जीवन के ढोल की पोल दादी माँ की पीड़ा के रूप में व्यक्त हो रही है ,बहुत ही जानदार और शानदार कविताई के लिए साधुवाद लोकेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/13255660062631243907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-67273657814765779082013-02-07T21:11:37.981-08:002013-02-07T21:11:37.981-08:00घर के बुजुर्गों के संत्रास को बखूबी लिखा है । घर के बुजुर्गों के संत्रास को बखूबी लिखा है । संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-18836630098243592992013-02-07T06:44:46.114-08:002013-02-07T06:44:46.114-08:00बहुत ही सुंदर ...लाजवाब प्रस्तुति के लिए मधु जी बह...बहुत ही सुंदर ...लाजवाब प्रस्तुति के लिए मधु जी बहुत२ शुभकामनायें,,,,<br /><br /><b>जहां देखो लगभग हर घर की यही कहानी </b><br /><br /><b>RECENT POST</b><a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2013/02/blog-post_7.html#links" rel="nofollow">: रिश्वत लिए वगैर...</a><br />.धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-49847789474608643862013-02-07T00:17:49.658-08:002013-02-07T00:17:49.658-08:00budhape ki peeda ki sundar abhivyakti budhape ki peeda ki sundar abhivyakti kavita vermahttps://www.blogger.com/profile/18281947916771992527noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-37102824392382000612013-02-06T21:59:20.158-08:002013-02-06T21:59:20.158-08:00ये विजेट सफलतापूर्वक अपने ब्लॉग पर स्थापित करने के...ये विजेट सफलतापूर्वक अपने ब्लॉग पर स्थापित करने के बाद "टिप्स हिंदी में" ब्लॉग पर टिप्पणी अवश्य दें |<br /><br />आँखों से टप-टप कर गिरती<br /> अश्रु भाव का भास्य लिखा है <br /> क्यों बूढी दादी के चेहरे पर <br /> दर्द भरा अहसास छिपा है <br />इन बुनियादी सवालों का ज़वाब है ज़रूर लेकिन कड़वा है ,मेहरारू हांकती है मर्द को इंडिया में .इसी लिए यह स्थिति है दादी माओं की .इन इंडिया मेल्स आर द्रिविन बाई देअर फीमेल्स .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-78891128065280183732013-02-06T21:50:57.320-08:002013-02-06T21:50:57.320-08:00वाह अलग एवं सुन्दर प्रस्तुति वाह अलग एवं सुन्दर प्रस्तुति अरुन अनन्तhttps://www.blogger.com/profile/02927778303930940566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-29553518291784256342013-02-06T18:10:36.906-08:002013-02-06T18:10:36.906-08:00बहुत सटीक रचना है |हर घर का किस्सा है |
आशा बहुत सटीक रचना है |हर घर का किस्सा है |<br />आशा Asha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-20751423088419004722013-02-06T02:43:28.029-08:002013-02-06T02:43:28.029-08:00बुजुर्गो की पीड़ा का एहसास कराती बेहतरीन रचना ,,,,ब...बुजुर्गो की पीड़ा का एहसास कराती बेहतरीन रचना ,,,,बधाई <br /> http://ehsaasmere.blogspot.in/2013/02/blog-post.htmlAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/05063506423123114343noreply@blogger.com