tag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post5264861073455941532..comments2023-10-16T05:54:41.543-07:00Comments on Benakab: 7.Madhu Singh : sharmayaAnonymoushttp://www.blogger.com/profile/14500351687854454625noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-30760926796305095072012-11-08T05:24:14.183-08:002012-11-08T05:24:14.183-08:00बहुत बढ़िया प्रस्तुति .बहुत बढ़िया प्रस्तुति .घोड़...बहुत बढ़िया प्रस्तुति .बहुत बढ़िया प्रस्तुति .घोड़ा एड लगाने से तेज़ दौड़ता है आप एड लगाते रहिएगा हम दौड़ते रहेंगे .सब कुछ आप के लिए ही लिखा जा रहा है ,आपसे सह -ब्लोगर जनों से ,अपनों से <br /><br />हम हैं ,हमारी एहमियत है वरना इस दुनिया में रख्खा क्या है ?virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-36311464896193977242012-11-04T11:48:33.118-08:002012-11-04T11:48:33.118-08:00lajvab gazallajvab gazalAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-76014987814711897402012-11-04T01:32:00.346-08:002012-11-04T01:32:00.346-08:00बहुत सुन्दर प्रस्तुति ...बहुत सुन्दर प्रस्तुति ...कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-79042707849604679682012-11-03T18:01:39.518-07:002012-11-03T18:01:39.518-07:00deepest feelings of attachment,superb lines "...deepest feelings of attachment,superb lines "बहुत शर्माया आज साजन मेरा <br /> न पलकें उठाया न नज़रें मिलाया <br /><br /> उसने की ही है ऐसी खता खूबसूरत <br /> देख कर वो मुझे है नज़रें झुकाया <br /> <br /> चाहा था उसने कि बाँहों में भर लूँ<br /> पास आते ही मैंने उसे ठेंगा दिखाया <br />Aziz Jaunpurinoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-61178723479423877182012-11-03T15:43:00.384-07:002012-11-03T15:43:00.384-07:00
ये प्रेम की चुहल ,ये गोपी भाव ,समझो पति का (मेरा ...<br />ये प्रेम की चुहल ,ये गोपी भाव ,समझो पति का (मेरा बच्चा ),बहुत बढ़िया रचना पढ़ाया .मेरे ब्लॉग पे भी <br /><br />आप आया .सलामत रखे आपको खुदाया .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-17082704175847409502012-11-03T15:41:10.913-07:002012-11-03T15:41:10.913-07:00शर्माया
बहुत शर्माया आज साजन मेरा
न पलके...<br /> <br /> <br /> शर्माया<br /> <br /> बहुत शर्माया आज साजन मेरा <br /> न पलकें उठाया न नज़रें मिलाया <br /><br />उसने की ही है ऐसी खता खूबशूरत (खूबसूरत) <br />देख कर वो मुझे है नज़रें झुकाया <br /> <br /> चाहा था उसने कि बाँहों में भर लूँ<br />पास आते ही मैंने उसे ठेंगा दिखाया <br /><br />बहुत दिल में वो अपने बुदबुदाया <br />गुस्से से झटका दे मुझको हटाया <br /><br />देख चेहरे पे उसके शुर्ख मयूशियाँ (सुर्ख मायूसियां )<br />दौड़ ख़ुद उसको मैंने सीने लगाया <br /><br />मुश्कुराया (मुस्कुराया ) बहुत इस अदा पर मेरे वो <br />कुछ पल रुको कह वो बहुत घबराया <br /><br />बड़ा सिरफिरा है मेरा साजन सलोना <br />प्यार से लड़ना उसने मुझको सिखाया<br /><br />जाता हूँ कहता है ,पर जाता नहीं हैं<br />रसोईं(रसोई ) में पीछे से कैसे ठुमका लगाया <br /><br />देखा जो मैंने नकली गुस्से से उसको <br />न आऊंगा पास कह कह आंसू बहाया <br /><br /> मधू "मुस्कान"<br /><br />ये प्रेम की चुहल ,ये गोपी भाव ,समझो पति का (मेरा बच्चा ),बहुत बढ़िया रचना पढ़ाया .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.com