tag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post3601199009354559390..comments2023-10-16T05:54:41.543-07:00Comments on Benakab: 22.मधु सिंह : झूठा मुकदमा Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/14500351687854454625noreply@blogger.comBlogger36125tag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-13846400135996030912013-01-21T21:01:00.321-08:002013-01-21T21:01:00.321-08:00Meaningful Presentation.Meaningful Presentation.Madan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-85040374921295203892013-01-18T04:32:54.901-08:002013-01-18T04:32:54.901-08:00बे -नकाब पे बारहा आये ,झूठा मुकदमा के पार न जा पाए...बे -नकाब पे बारहा आये ,झूठा मुकदमा के पार न जा पाए .शुक्रिया आपकी सद्य टिप्पणियों का .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-20421975527553431322013-01-11T09:23:38.236-08:002013-01-11T09:23:38.236-08:00शुक्रिया आपकी सद्य टिपण्णी का का .शुक्रिया आपकी सद्य टिपण्णी का का .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-86038750511690833982013-01-09T19:21:29.388-08:002013-01-09T19:21:29.388-08:00सिर्फ एक मर्तबा आपकी नै तीन चार पोस्ट खुली एक पर ट...सिर्फ एक मर्तबा आपकी नै तीन चार पोस्ट खुली एक पर टिपण्णी भी की मेरा शौहर मेरा रफीक है ,शैतान बत्तमीज़ है .......पर .इसके बाद फिर वाही गूगल +का पुराना आवरण पुरानी पोस्ट आ गईं <br /><br />कुछ तो गड़बड़ है .देखिये क्या मांजरा है हम टिपण्णी नहीं कर पा रहें हैं .कर्ज़ चढ़ा हुआ है आपकी सद्य सार्गार्भित टिप्पणियों का .प्लीज़ देखिये या इलाही ये मांजरा क्या है ?सबसे ऊपर जो आ जाता <br /><br />है गूगल प्लस पर वह यह है आप भी देख लीजिये <br /><br />madhu singhDec 12, 2012 - Shared from +1 - Limited<br /><br /><br />जाड़े की नर्म धूप ...... »<br />धूप,जाड़ा,चाँदनी,मन,अंधेरा,आँखें<br /><br />और हमारी नवीन पोस्ट पर टिपण्णी थी :<br /><br />गूँथ गया सो मोती रह गया सो पत्थर ,<br /><br />संग दिल सही ,मेरा आधार कार्ड है .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-70958587315649173512013-01-09T19:21:02.156-08:002013-01-09T19:21:02.156-08:00सिर्फ एक मर्तबा आपकी नै तीन चार पोस्ट खुली एक पर ट...सिर्फ एक मर्तबा आपकी नै तीन चार पोस्ट खुली एक पर टिपण्णी भी की मेरा शौहर मेरा रफीक है ,शैतान बत्तमीज़ है .......पर .इसके बाद फिर वाही गूगल +का पुराना आवरण पुरानी पोस्ट आ गईं <br /><br />कुछ तो गड़बड़ है .देखिये क्या मांजरा है हम टिपण्णी नहीं कर पा रहें हैं .कर्ज़ चढ़ा हुआ है आपकी सद्य सार्गार्भित टिप्पणियों का .प्लीज़ देखिये या इलाही ये मांजरा क्या है ?सबसे ऊपर जो आ जाता <br /><br />है गूगल प्लस पर वह यह है आप भी देख लीजिये <br /><br />madhu singhDec 12, 2012 - Shared from +1 - Limited<br /><br /><br />जाड़े की नर्म धूप ...... »<br />धूप,जाड़ा,चाँदनी,मन,अंधेरा,आँखें<br /><br />और हमारी नवीन पोस्ट पर टिपण्णी थी :<br /><br />गूँथ गया सो मोती रह गया सो पत्थर ,<br /><br />संग दिल सही ,मेरा आधार कार्ड है .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-91003492665234239772013-01-09T03:14:38.825-08:002013-01-09T03:14:38.825-08:00आपकी नै पोस्ट तक कैसे पहुंचे ?गूगल +तो हेल्प नहीं ...आपकी नै पोस्ट तक कैसे पहुंचे ?गूगल +तो हेल्प नहीं करता है .सद्य टिपण्णी का आभार .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-30765151013363826442013-01-09T03:12:57.273-08:002013-01-09T03:12:57.273-08:00ram ram bhai
मुखपृष्ठ
बुधवार, 9 जनवरी 2013
शर्म ...ram ram bhai<br />मुखपृष्ठ<br /> <br />बुधवार, 9 जनवरी 2013<br />शर्म इन्हें फिर भी नहीं आती<br />भारतीय शासन व्यवस्था की काया पे निर्भया एक ऐसा जख्म छोड़ गई है जो भरते भरते ही भरेगा<br /><br />.फिलवक्त उस जख्म से मवाद रिसने लगा है .खाज मची है सारी राजनीतिक काया पर .प्रतिक्रियाएं आना<br /><br />इस बात का सबूत है। ये लोग अब सामने आ रहें हैं भले इनके नजरिये तंग दिल हों .आधुनिक भारत की<br /><br />अवधारणा की अवमानना करते हों .कमसे कम ये अपनी चौंच तो खोल रहें हैं .<br /><br />एक राज्य के मुख्यमंत्री कहतें हैं कुछ तारामंडलों में सितारों का विन्यास प्रतिकूल है ये समय आधी आबादी<br /><br />के लिए बड़ा भारी है .बलात्कार इसीलिए बढ़ें हैं .<br /><br />एक स्वनाम धन्य आध्यात्मिक गुरु बड़ा नायाब नुस्खा लायें हैं वहशी लम्पट बलात्कारियों को भगाने का<br /><br />.बकौल इनके सरस्वती का जाप सुनके ये भाग जायेंगें .<br /><br />हमारा सादर अनुरोध है माननीय आप इसका अखंड वाचन अविलम्ब शुरू करवाएं अपने मशहूर आश्रम में .<br /><br />एक नाम चीन शख्शियत ने कहा औरत अब माँ बहन के रोल में कम करियर वुमेन के रोल में ज्यादा है<br /><br />.जींस और टॉप पहनती है .<br /><br />पश्चिमी रंग में रंगी है .दिभ्रमित है वह .असंयमी है स्वच्छंद संभोगी है ,भ्रम ग्रस्त पश्चिमी रंग में सराबोर<br /><br />है .<br /><br />लिंगभेद का जहर किस कदर इन महानुभावों की काया में फ़ैल चुका है यह एक निर्भया ने साफ़ करवा दिया<br /><br />है .बकौल इन प्रगति वादी लोगों के आज की औरत भारत की दिव्य परम्पराओं का अतिक्रमण कर रही है<br /><br />.जो कुछ<br /><br />हो रहा है उसके लिए वह भी कम अन -उत्तरदाई नहीं है .<br /><br />एक खापीये (खाप पंचायत के स्वनाम धन्य महावीर )कह रहे थे :चाउमीन खाने से नै पौध लम्पट हो रही है .<br />बकौल इनके रजस्वला होते ही लड़की पहले की तरह ब्याह दी जाए .<br /><br />ये खापजादे मासूम प्रेमियों की सरे आम जान लेंगे .डिसआनर ब्रूटल किलिंग करेंगे ,बलात्कारियों का ज़िक्र<br /><br />नहीं करेंगे . इनके गिर्द औरत को चुड़ेल घोषित करके नंगा घुमाया जाएगा ये खापीये उफ़ न करेंगे ,<br /><br />दोगले हैं ये तमाम लोग .सबके सब निर्बुद्ध है .शासन व्यवस्था का ज़िक्र नहीं करेंगे .नान -गवर्नेंस की बात<br /><br />नहीं करेंगे .<br /><br />क़ानून ये बनायेंगे लागू कोई और करेगा .या फिर क़ानून खाप का चलेगा .<br /><br />इंडिया का आधार कार्ड (पहचान )अब बलात्कार बन गया है .रही सही कसर ये लोग अपने अधकचरे<br /><br />अर्वाचीन विचारों से पूरी कर रहें हैं .<br /><br />शर्म इन्हें फिर भी नहीं आती .मुझे और आपको आती है इनके अनर्गल प्रलाप पर .<br />प्रस्तुतकर्ता Virendra Kumar Sharma पर 1:01 pm 2 टिप्पणियां:virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-60506695255365292282013-01-08T23:54:06.388-08:002013-01-08T23:54:06.388-08:00शुक्रिया आपकी सद्य टिप्पणियों का .
बढ़िया रिज़ोल्...शुक्रिया आपकी सद्य टिप्पणियों का .<br /><br />बढ़िया रिज़ोल्व है संकल्प है आपका .<br /><br />ram ram bhai<br />मुखपृष्ठ<br /><br />बुधवार, 9 जनवरी 2013<br />शर्म इन्हें फिर भी नहीं आती<br /><br />http://veerubhai1947.blogspot.in/virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-57928496340683551602013-01-05T00:15:30.865-08:002013-01-05T00:15:30.865-08:00
बहुत बढ़िया प्रस्तुति .आपकी सद्य टिपण्णी हमारी मह...<br />बहुत बढ़िया प्रस्तुति .आपकी सद्य टिपण्णी हमारी महत्वपूर्ण धरोहर है .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-83805346953175405302013-01-02T06:08:16.804-08:002013-01-02T06:08:16.804-08:00क्या इल्ज़ाम दूं तक़दीर को अपनों से ही मै छलती रही...क्या इल्ज़ाम दूं तक़दीर को अपनों से ही मै छलती रही<br />ज़िन्दगी हो गई खामोस बस बन अपना लहू बहती रही <br /><br />....बेहतरीन गज़ल..हरेक शेर दिल को छू गया..नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-84388744543684917292013-01-02T05:58:10.687-08:002013-01-02T05:58:10.687-08:00क्या इल्ज़ाम दूं तक़दीर को अपनों से ही मै छलती रही...क्या इल्ज़ाम दूं तक़दीर को अपनों से ही मै छलती रही<br />ज़िन्दगी हो गई खामोस बस बन अपना लहू बहती रही <br /><br />....लाज़वाब ग़ज़ल..हरेक शेर दिल को छू गया..नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-81952074410327573552013-01-01T08:56:34.367-08:002013-01-01T08:56:34.367-08:00उम्मीदों पे उतरे खरे सारे तंत्र, समाज में आये ऐसा ...उम्मीदों पे उतरे खरे सारे तंत्र, समाज में आये ऐसा बदलाव.<br />नए साल के पहले दिन से हमारा हो इस तरफ सार्थक प्रयत्न.<br /><br />शुभकामनाओं के साथ...<br />रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-65651125398965490562012-12-29T22:55:10.358-08:002012-12-29T22:55:10.358-08:00शुभ भावना ,शुभकामना लिए आई है आपकी पोस्ट ,सानंद रह...शुभ भावना ,शुभकामना लिए आई है आपकी पोस्ट ,सानंद रहें सेहत मंद रहें कुछ नया करें 2013 में यही शुभेच्छा है .आभार आपकी सद्य टिप्पणियों का .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-75498161984517192152012-12-24T22:19:18.284-08:002012-12-24T22:19:18.284-08:00शुक्रिया मैम आपकी सद्य टिप्पणियों का .कुछ नया दीज...शुक्रिया मैम आपकी सद्य टिप्पणियों का .कुछ नया दीजिये ब्लॉग जगत को अब .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-61863725100807179032012-12-24T22:17:11.213-08:002012-12-24T22:17:11.213-08:00 सुन रहे हो मिस्टर टिंडे
उस संवेदन हीन शास... सुन रहे हो मिस्टर टिंडे <br /><br /><br /> उस संवेदन हीन शासन और पुलिस प्रमुख का क्या कीजे जहां पुलिस प्रमुख दिल्ली युवक युवतियों के आधी आबादी की सुरक्षा हक़ मांगने के दौरान पुलिस ज्यादतियों से जख्मी होने को गौण <br /><br />,आनुषांगिक नुक्सान बतलाये .collateral damage कहे जबकि यह शब्द प्रयोग या तो भू -कंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से पैदा उस नुक्सान के लिए प्रयुक्त होता आया है जो आसपास की भू -<br /><br />स्थल आकृति से तय होता है <br /><br />या <br /><br />फिर युद्ध के दौरान शत्रु के हमले से नागर सम्पति को होने वाले नुक्सान और जान माल की हानि के लिए प्रयुक्त होता है .<br /><br />उस व्यवस्था का क्या करें जहां गृह मंत्री भारत सरकार दिल्ली रेप के अपराधियों को सज़ा देने और महिला सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए प्रदर्शन करने वाले कल के भारत को नक्सली और <br /><br />माओवादी बतलाये .<br /><br />चर्च की एजेंट के युवक युवतियों को आश्वस्त करने को एक असाधारण कदम बतलाये .प्रधानमन्त्री घटना के हाथ से निकल जाने के बाद मुंह खोले .लेकिन ऑस्ट्रेलिया में संदिघ्ध अवस्था में पाए <br /><br />जाने <br /><br />पर एक मुसलमान डॉ .<br /><br />..के धर लिए जाने पर कहे -मैं रात भर सो न सका .<br /><br />चरण चाटो उस चर्च की एजेंट के और उस राजकुमार के जो भारत धर्मी समाज को हिकारत की नजर से देख रहे हैं मिस्टर टिंडे ,कुचल वा रहें हैं पुलिस से .<br /><br />सुन रहे हो मिस्टर टिंडे virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-77136666795296788842012-12-20T01:35:11.216-08:002012-12-20T01:35:11.216-08:00ram ram bhai
मुखपृष्ठ
बृहस्पतिवार, 20 दिसम्बर 20...ram ram bhai<br />मुखपृष्ठ<br /> <br />बृहस्पतिवार, 20 दिसम्बर 2012<br />Rapist not mentally ill ,feel they can get away'<br />'Rapist not mentally ill ,feel they can get away'<br /><br />माहिरों के अनुसार बलात्कारी शातिर बदमॉस होतें हैं जो सोचते हैं उनका कोई क्या बिगाड़ सकता है वह साफ़<br /><br />बच<br /><br /> निकलेंगें .इस नपुंसक व्यवस्था के हाथ उस तक नहीं पहुँच सकते .<br /><br />तस्दीक की जानी चाहिए यह बात कि बलात्कार एक इरादतन अदबदाकर किया गया हिंसात्मक व्यवहार है<br /><br />,जिसका मकसद बलात्कृत को न सिर्फ चोट पहुंचाना है उसकी आत्मा को भी कुचलना है ,नीचा दिखाना है<br /><br />.सबक सिखाना है .बलात्कारी अनुचित रूप से शिकार बनाता है उत्पीड़ित महिला को ,युवती को .<br /><br /><br /><br />न तो यह अपराध तत्व मनोवैज्ञानिक समस्याओं से ग्रस्त रहतें हैं न किसी किस्म के व्यक्तित्व विकार से सारा<br /><br />फंडा इनके दिमाग में यह रहता है :बच निकलेंगे हम तो हमारा कोई क्या बिगाड़ सकता है .<br /><br />उत्तरी अमरीका और दक्षिण अफ्रिका में किये गए ऐसे अध्ययनों से जो बलात्कारियों के बारे में ज्यादा से<br /><br />ज्यादा जानकारी देतें हैं जिनके तहत इन अपराध तत्वों की Psychological profiling जुटाई गई है ,पता चला है<br /><br />,संभवतया बाल्यकाल में इनका खुद का साबका हिंसात्मक व्यवहार से पड़ा है .बदसुलूकी हुई है इनके साथ<br /><br />परवरिश के शुरूआती बरसों में .<br /><br />तिहाड़ जेल के 242 अपराध तत्वों पर संपन्न एक पांच साला अध्ययन से पता चला है,इनमें से 70%लोग लौट<br /><br />लौट कर बारहा ऐसे ही अपराध करते आयें हैं ,बच निकलते रहें हैं हर बलात्कार के बाद . औरत पर हमला करते <br /><br />वक्त यह आत्मविश्वास से भरे होते हैं .पूरा भरोसा होता है इन्हें अपने दुष्कार्य (धतकर्म )की सफलता का .<br /><br />कमसे कम चार मर्तबा या और भी ज्यादा बार ऐसा धत कर्म ये लोग पकड़े जाने से पूर्व औसतन कर चुके थे .<br /><br />दिल्ली मनोरोग केंद्र के माहिर डॉ .सुनील मित्तल के अनुसार बलात्कारी विकृत मानसिकता के लोग होतें हैं<br /><br />बलात्कार करके साफ़ बच निकलना इनके आनंद का उत्कर्ष होता है .दुष्कर्म में लीन रहतें हैं ये लोग .उद्दंडता<br /><br /><br /><br /> पूर्वक दुष्कर्म करके बच निकलने पर यह गुरूर करते हैं .<br /><br />हिंसा और यौन की दुरभिसंधि इन्हें अतिरिक्त रोमांच और उत्तेजना से भर देती है .ऐसा चित्त होता है इन<br /><br />बहरूपियों का .<br /><br />यौन प्रहार करके यह खुद को यौन बहादुर मान लेते हैं .ताकत और मद का प्रतीक समझ बैठते हैं .<br /><br />शायद सामान्य यौन सम्बन्ध बना ही नहीं पाते ये लोग . यही मानना है डॉ .मित्तल का .<br /><br />नेशनल इंस्टिट्यूट आफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसिज़ (NIMHANS)के प्रोफ़ेसर डॉ .बी .एन .गंगाधर कहतें हैं :<br /><br />"I am against using psychological or sociological labels for rapists .There is nothing psychiatric about<br /><br />a rapist .In fact ,a person with a psychiatric illness will never commit a rape .It is clearly a criminal<br /><br />mind that has decided to gratify oneself despite the norms of society."<br /><br />मनोरोगों से ग्रस्त नहीं रहतें हैं ये अपराधी तत्व .मनोरोगी कभी यह धतकर्म नहीं करेगा .कभी किसी की<br /><br />आत्मा का हनन नहीं करेगा .<br /><br />प्रसन्नता और संतोष प्राप्त करतें हैं ये अपराधी अपने शिकार को सताकर ,अपमानित कर .<br /><br />महिलाओं के खिलाफ हिंसा ,यौन हिंसा का बढ़ता रुझान हमारे समाज की <br /><br />एक वृहत्तर समस्या बन रहा है <br /><br />"India suffers from chronic disaster syndrome .There are rising costs of living ,insecurity at the<br /><br />workplace ,loss of faith in the system ,but at the same time one sees famous personalities getting away<br /><br /> big crimes .For instance , a minister who resigns over a scam comes back unscathed ."<br /><br />He felt people get under the delusion of a new reality that they can commit a crime and get away with<br /><br /> it .<br /><br />"A MALNOURISHED BODY GETS ATTACKED BY VARIOUS MICROBES.SIMILARLY ,A<br /><br />SOCIETY THAT IS MALNOURISHED WILL SEE RISE IN SUCH CRIMES AGAINST<br /><br />WOMEN,"HE SAID.<br /><br />उक्त उत्तेजक विचार जो आपको भी आलोड़ित किये बिना नहीं रहेंगे मुंबई के मनोरोग विद डॉ .एच शेट्टी के हैं .<br /><br />जब तक तिहाड़ी लाल संसद की शोभा बढ़ाते रहेंगें ,संसद बे -आंच ,बे -आब रहेगी ऐसा ही होता रहेगा ऐसा हमारा<br /><br /> भी मानना है आप अपनी राय बतलाएं .<br /><br />देखिये ये हाल है उस बे -कसूर भारत की लाडली का जो ज़िंदा रहना चाहती<br /><br /> है :<br /><br /><br />virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-41929204239301176422012-12-20T01:33:58.818-08:002012-12-20T01:33:58.818-08:00ram ram bhai
मुखपृष्ठ
बृहस्पतिवार, 20 दिसम्बर 20...ram ram bhai<br />मुखपृष्ठ<br /> <br />बृहस्पतिवार, 20 दिसम्बर 2012<br />Rapist not mentally ill ,feel they can get away'<br />'Rapist not mentally ill ,feel they can get away'<br /><br />माहिरों के अनुसार बलात्कारी शातिर बदमॉस होतें हैं जो सोचते हैं उनका कोई क्या बिगाड़ सकता है वह साफ़<br /><br />बच<br /><br /> निकलेंगें .इस नपुंसक व्यवस्था के हाथ उस तक नहीं पहुँच सकते .<br /><br />तस्दीक की जानी चाहिए यह बात कि बलात्कार एक इरादतन अदबदाकर किया गया हिंसात्मक व्यवहार है<br /><br />http://veerubhai1947.blogspot.in/<br /><br />शुक्रिया आपकी सद्य टिप्पणियों का .सादर .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-45654884931104392012-12-18T02:42:17.463-08:002012-12-18T02:42:17.463-08:00
बहुत बिंदास है लेखन आपका , अंदाज़ भी और सम्मान...<br />बहुत बिंदास है लेखन आपका , अंदाज़ भी और सम्मान से आप्लावित देखा जब भी देखा आपको .शुक्रिया इस नजर का इस जिगर का .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-36142119632666885622012-12-17T04:40:34.573-08:002012-12-17T04:40:34.573-08:00शुक्रिया आपकी टिप्पणियों का .आदाब .शुक्रिया आपकी टिप्पणियों का .आदाब .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-21783581523158202502012-12-16T21:56:25.768-08:002012-12-16T21:56:25.768-08:00jabab nahi iss gajal ka.. behtareen:)jabab nahi iss gajal ka.. behtareen:)मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-59461126979300121102012-12-16T03:11:00.059-08:002012-12-16T03:11:00.059-08:00ख़ुद बनी मुज़रिम इल्जाम ख़ुद पर ही लगाती रही
बेडियाँ ...ख़ुद बनी मुज़रिम इल्जाम ख़ुद पर ही लगाती रही<br />बेडियाँ पावों में डाले अपने, ख़ुद को तलब करती रही<br /><br />waah awesome..<br /><br />.ZEALhttps://www.blogger.com/profile/04046257625059781313noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-71972427525478851122012-12-14T21:07:05.442-08:002012-12-14T21:07:05.442-08:00
बन मुकदमा एक झूठा खुद जिन्दगी से लड़ती रही
खुद बन...<br />बन मुकदमा एक झूठा खुद जिन्दगी से लड़ती रही<br />खुद बनी अपना वकील ख़ुद से ज़िरह करती रही<br />नारी की जद्दीजहद को रूपायित करती उसके अस्तित्व के संघर्ष को मुखरित करती कथा है यह पोस्ट अंतर तम की व्यथा है यह पोस्ट .<br /><br />आपकी टिप्पणियाँ हमारे सिरहाने की निकटतम राज दान बनी रहतीं हैं .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-53256970479722449232012-12-14T00:35:28.079-08:002012-12-14T00:35:28.079-08:00अपने मन के भाव से ...अपने मन के भाव से ...Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-20981271441492979452012-12-13T10:15:08.125-08:002012-12-13T10:15:08.125-08:00बहुत बढिया उम्दा सृजन,,,, बधाई। मधु जी ,,
फालोवर ...बहुत बढिया उम्दा सृजन,,,, बधाई। मधु जी ,,<br /><br />फालोवर बने तो हार्दिक खुशी होगी,,,,आभार <br /><br />recent post <a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/12/blog-post_2284.html?showComment=1355332096563" rel="nofollow"> हमको रखवालो ने लूटा </a>मधु धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-84199194964611938392012-12-13T00:38:19.258-08:002012-12-13T00:38:19.258-08:00व्यथा को शब्दों का जामा पहना मूर्त किया है आपने ना...व्यथा को शब्दों का जामा पहना मूर्त किया है आपने नारी के रूप में .बढ़िया प्रस्तुति .शुक्रिया आपकी सदाबहार टिपण्णी का .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.com