tag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post5332084188514219600..comments2023-10-16T05:54:41.543-07:00Comments on Benakab: मधु सिंह : बातें करें Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/14500351687854454625noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-75340156017519167502013-05-31T19:11:12.692-07:002013-05-31T19:11:12.692-07:00सुन्दर भावों को बखूबी शब्द जिस खूबसूरती से तराशा ह...सुन्दर भावों को बखूबी शब्द जिस खूबसूरती से तराशा है। काबिले तारीफ है।<br />संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-46392994014721586122013-05-26T07:52:14.943-07:002013-05-26T07:52:14.943-07:00शोचनीय रचना!शोचनीय रचना!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-89098206318911244252013-05-21T05:12:02.672-07:002013-05-21T05:12:02.672-07:00aao naye anjaam ki baat karen..:)
purani baato se ...aao naye anjaam ki baat karen..:)<br />purani baato se kya karna...<br />behtareen rachnakaraaa ho aap ... मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-50785645330499250442013-05-21T03:37:04.566-07:002013-05-21T03:37:04.566-07:00 बन झुनझुने हम हाथ के,क्यों हो गये हैं आज बेबस
... बन झुनझुने हम हाथ के,क्यों हो गये हैं आज बेबस <br /> चलो अन्याय की छाती पर मूँग दलने की बातें करें <br />वाह !श्लेशार्थ है इन पंक्तियों में -झुनझुनें हाथ के क्यों हो गये हम ,......अपने मिजाज़ के क्यों न हुए ....virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-19663842499350023622013-05-21T03:09:33.889-07:002013-05-21T03:09:33.889-07:00बहुत सुन्दर मन की गहराइयों तक उतरती रचना , कितनी स...बहुत सुन्दर मन की गहराइयों तक उतरती रचना , कितनी सही बात की आपने मधु जी ..nayee duniahttps://www.blogger.com/profile/12166123843123960109noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-51400883887649353912013-05-21T03:06:42.101-07:002013-05-21T03:06:42.101-07:00आगाज़ तो है सामने रहनुमाओं के घिनौने कृत्य का
...आगाज़ तो है सामने रहनुमाओं के घिनौने कृत्य का <br /> मिटा हस्ती दरिंदों की बेशक ,नए अंजाम की बातें करें <br /><br />....बहुत सुन्दर और सटीक अभिव्यक्ति...<br />Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-48105968686181548622013-05-19T06:44:52.500-07:002013-05-19T06:44:52.500-07:00आगाज़ तो है सामने रहनुमाओं के घिनौने कृत्य का
...आगाज़ तो है सामने रहनुमाओं के घिनौने कृत्य का <br /> मिटा हस्ती दरिंदों की बेशक ,नए अंजाम की बातें करें <br /><br /><br />मैं स्वयं आश्चर्य चकित हूँ कि ऋषि पत्नी अहिल्या का सतीत्व कैसे भोथरा हो गया इन्द्र के स्पर्श से अन्यथा उसे जान लेना था इंद्र के पैरों के धमक से। सीता की अग्नि परीक्षा राम चरित मानस अनुसार लीला के अंतर्गत है लोक कल्याण में। रही कथा द्रौपदी की तो हरि अनत हरिकथा अनंता आज का आपका आक्रोश सोलह आने सच है *********** <br /><br />Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-4901504199570327442013-05-19T05:37:01.698-07:002013-05-19T05:37:01.698-07:00BAHUT KHOOB ......SACCHI BAT KAH DI AAPNE ..MADHU ...BAHUT KHOOB ......SACCHI BAT KAH DI AAPNE ..MADHU JEE ....Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-9354101542475179532013-05-19T04:50:14.501-07:002013-05-19T04:50:14.501-07:00 लगता है अब आईने भी बात करने लगे हैं........ लगता है अब आईने भी बात करने लगे हैं...... मत्स्यगंधा भी हुई थी मुनि - बासना की शिकार<br /> क्यों न मुनिओं के घृणित व्यभिचार की बातें करें <br /><br /> इतिहास के हर पृष्ठ है अंकित कहानी अन्याय की<br /> भूल कर भी न हम इनके दुहराने की बातें करें अज़ीज़ जौनपुरीhttps://www.blogger.com/profile/16132551098493345036noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-25839782610900396282013-05-19T02:27:50.950-07:002013-05-19T02:27:50.950-07:00आईना दिखती रचना । आईना दिखती रचना । संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-23726739530254206.post-19264760477875761122013-05-19T01:06:18.442-07:002013-05-19T01:06:18.442-07:00 बन झुनझुने हम हाथ के,क्यों हो गये हैं आज बेबस ... बन झुनझुने हम हाथ के,क्यों हो गये हैं आज बेबस <br /> चलो अन्याय की छाती पर मूँग दलने की बातें करें <br /><br />दृढ़ और शुभ संकल्प की रचना .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.com