मरुधर के स्वर्णिम अतीत में, हे पथिक ! तुम्हारा स्वागत है
आओ नमन करे धरती को , आतिथ्य ,पाहुना ,अभ्यागत है
राजस्थान की यात्रा 5 मार्च से 15 मार्च 2014
आओ नमन करे धरती को , आतिथ्य ,पाहुना ,अभ्यागत है
राजस्थान की यात्रा 5 मार्च से 15 मार्च 2014
गूगल से साभार
जोधपुर
जाग - जाग मेवाड़ बता दो
बीरों का इतिहास सुना दो
लोक नृत्य संगीत कला के
गौरव वैभव की कथा सुना दो
पत्थर की छाती पर निर्मित
छुपा हुआ दुर्गों का वैभव
इतिहास तू पन्ने खोल आज
जोधा का इतिहास बता दो
एक नहीं , अगणित आघातों
प्रतिघातो की व्यथा समेटे
हे मेवाड़ !उठो कुछ तो बोलो
तोड़ मौन, सब कथा सुना दो
खो गया कहाँ मण्डोर दुर्ग ?
हे ऋषि मांडव !चुप क्यों हो ?
मध्यकाल राठौड़ बंश के
रामायण का भाष्य बता दो
मेहरांन गाढ़ी का भग्नावशेष
स्तब्ध ! खड़ा क्या देख रहा ?
बिकट दुरूह शैलों पर निर्मित
दुर्गों का इतिहास बता दो
क्यों मौन खड़ा जालौर आज ?
नागौर,सिवाना खो गया कहाँ ?
हे स्वाभिमान की वसुधा बोलो
कैसे पग धोऊ ? मुझे बता दो
दृढ़ निश्चय ले निकल पड़ी मैं
बीरों की धरती का पग छूने
अपने अतीत की कथा खोजने
लिखूं कलम क्या मुझे बता दो
मधु "मुस्कान"
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