"हो -ली " कि आज होली है
चलो आज हम सब मिल के होली मनाएँ
दिये प्यार के हम मिल दिलों में जलाएँ
नफ़रत की आँधी का रुख मोड़ कर
मोहब्बत का गुलशन घरों को बनाएँ
किस्से मोहब्बत के जो हमने सुने हैं
चलो आज हम उनको हकीकत बनाएँ
दिये प्यार के दिलों में जो अब बुझने लगे
प्यार की उसमे फिर नई बाती जलाएँ
दर्द दुनिया का हम सब मिल बाट कर
नफ़रत के शोलों को मिल कर बुझाएँ
दिलों से सभी के हो कर गुजरें सभी
कह" हो -लिया" कह कह के होली मनाएँ
मधु "मुस्कान "
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जवाब देंहटाएंसुन्दर विचार****चलो आज हम सब मिल के होली मनाएँ
जवाब देंहटाएंदिये प्यार के हम मिल दिलों में जलाएँ
नफ़रत की आँधी का रुख मोड़ कर
मोहब्बत का गुलशन घरों को बनाएँ
किस्से मोहब्बत के जो हमने सुने हैं
चलो आज हम उनको हकीकत बनाएँ
कविता में एक-दूसरे का 'हो लिया' कहना चरम अभिव्यक्ति। होली लोगों के दिलों में प्रेम निर्माण करता है, यह उत्सव और पर्व अपनी पहचान और सास्कृतिक धरोहर को दिखाता है। सुंदर कविता।
जवाब देंहटाएंकिस्से मोहब्बत के जो हमने सुने हैं
जवाब देंहटाएंचलो आज हम उनको हकीकत बनाएँ
सदभाव सौहाद्र की अभिनव रचना .