(1)
जिश्म की दौलत की कभी कीमत नहीं होती
दिल की दौलत से मोहब्बत की हिना बनती है
(2)
रौनके - ज़न्नत न कभी रास आई मुझको
फिर लौट के दोबारा आना है दुनियाँ में मुझको
(3)
जो अंजाम हो बेहतर वो ख़ुशी है गंवारा मुझको
फ़कत आगाज बेहतर होने से कुछ नहीं होता
(4)
मुझको मालूम है ज़न्नत की हकीकत लेकिन
मुझको रास आता है दुनियाँ से मोहब्बत करना
(5)
कहाँ तक फ़ासला मिटाओगे दुश्मनी का मेरे दोस्त
हमने तो दुश्मनों से दोस्ती का हुनर सीख लिया
मधु "मुस्कान "
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