है यही वास्ता
हम फ़कीरों का दुनियाँ से क्या वास्ता
चल पड़े जिस तरफ, बन गया रास्ता
चल पड़े जिस तरफ, बन गया रास्ता
धुप अंधेरों में हमने दिये हैं जलाए
हम सभी के हुए ख़ुद बन गये रास्ता
पाँव रख मेरे सीने पर दुनियाँ चले
हैं यही दिल में अरमां, है यही वास्ता
धुप अन्धेरें जमीं पे हैं जो पसरे हुए
हैं मिटाना उन्हें है, है बस यही वास्ता
हम फ़कीरों ने बदली न राहें कभी भी
हम सभी के हुए ख़ुद बन गये रास्ता
पाँव रख मेरे सीने पर दुनियाँ चले
हैं यही दिल में अरमां, है यही वास्ता
धुप अन्धेरें जमीं पे हैं जो पसरे हुए
हैं मिटाना उन्हें है, है बस यही वास्ता
हम फ़कीरों ने बदली न राहें कभी भी
है एक मंजिल ख़ुदा, है ख़ुदा वास्ता
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