मंगलवार, 13 नवंबर 2012

14.Madhu Singh : Naya Ghar Banaungi

    नया घर बनाउंगी 
                                                                                                                                                                              अलग एक काँच की बस्ती में अपना घर बनाउंगी  
ले  हाथ अपने पत्थरों  को,  मै   ख़ुद  को  डराउंगी  

 अकेला घर  मेरा होगा , रहूँगी  मै  खुश  अकेले में  
 जहाँ  धोखा  नहीं  होगा ,वहीँ मै  घर एक बनाउंगी 

 अकेला  रास्ता  होगा ,  न  कोइ   हमसफ़र  होगा
 रहूँगी  मै अकेली  उस जगह नई दुनिया बसाऊँगी
 
  बहुत चाहा था मैंने उसको,मगर वो सिरफिरी निकली 
  जहाँ दगा बाज़ी नहीं  होगी वहीं मै एक  घर  बनाउंगी 

   बहुत   सोचा है मैंने  हजारों बार बैठ कर अकेले में 
   जहाँ पर  न ज़हरे- खूँ  होगा वहीं  पर घर  बसाउंगी 

  रहूंगी अब  वहीं जहाँ साया  मेरा  मेरे ही साथ होगा 
  जहाँ बरसात होगी दुआओं की वहीं  मैं घर बनाउंगी

  न जाऊँगी कहीं मै डर गई हूँ अपने पन के खंजर से
  हया  होगी जहाँ जिस ठौर वहीं मै एक घर बनाउंगी

  देखी दुनिया चेहरे देखे बेशर्म सब अब दिखने लगे हैं
  मै चली उस ठौर वहीं अब प्यार की कुटिया बसाउंगी 
 

                                              मधु  "मुस्कान "



            
                                                                                                                                                                          

 

11 टिप्‍पणियां:

  1. Dard ki gahanatam anubhuti aur bartman me duniya ki farebi se bach kar kaha jayeega,darindo ke hath bahut lambe hote hai रहूंगी अब वहीं जहाँ साया मेरा मेरे ही साथ होगा
    जहाँ वर्षात होगी दुआओं की वहीं मैं घर बनाउंगी

    न जाऊँगी कहीं मै डर गई हूँ अपने पन के खंजर से
    हया होगी जहाँ जिस ठौर वहीं मै एक घर बनाउंगी

    देखी दुनिया चेहरे देखे बेशर्म सब अब दिखने लगे हैं
    मै चली उस ठौर वहीं अब प्यार की कुटिया बसाउंगी

    जवाब देंहटाएं
  2. Bahut khoob
    अकेला रास्ता होगा , न कोइ हमसफ़र होगा
    रहूँगी मै अकेली उस जगह नई दुनिया बसाऊँगी

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही उम्दा प्रस्तुति ,मधू जी आपको हार्दिक बधाई>>>>>>>>>>>@@@@@@@@@**********############# " वो ही नहीं सभी अब होते जा रहे सिरफ़िरे हैं,अब इसी दुनिया में दुनियादारी सीखना जुरूरी हो गया है

    जवाब देंहटाएं
  4. न जाऊँगी कहीं मै डर गई हूँ अपने पन के खंजर से
    हया होगी जहाँ जिस ठौर वहीं मै एक घर बनाउंगी।।।।।।बहुत सुन्दर पंक्तियाँ हैं यह ......अपने पन के खंजर।।।।।कुछ आस्तीनों से ......

    बढ़िया रचना है .

    अलग एक काँच की बस्ती में अपना घर बनउंगी (बनाउंगी )

    जहाँ वर्षात होगी दुआओं की वहीं मैं घर बनाउंगी।।।।।।।(बरसात होगी दुआओं की )/वर्षा /बरखा /बारिश /बरसात

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुंदर रचना
    "...........बहुत चाहा था मैंने उसको,मगर वो सिरफिरी निकली
    जहाँ दगा बाज़ी नहीं होगी वहीं मै एक घर बनाउंगी ......." बेहतरीन

    जवाब देंहटाएं
  6. वाह...
    रहूंगी अब वहीं जहाँ साया मेरा मेरे ही साथ होगा
    जहाँ बरसात होगी दुआओं की वहीं मैं घर बनाउंगी

    बहुत खूबसूरत मधु जी...

    अनु

    जवाब देंहटाएं
  7. बहुत मुश्किल है यह...
    जहां धोखा नहीं होगा वहीं
    एक घर बनाउंगी
    ...अब आज के जमाने में ऐसा कहां मिलेगा जहां धोखा न हो ?

    जवाब देंहटाएं
  8. रहूंगी अब वहीं जहाँ साया मेरा मेरे ही साथ होगा
    जहाँ बरसात होगी दुआओं की वहीं मैं घर बनाउंगी
    wah .....lajbab prastuti ke liye badhai .

    जवाब देंहटाएं