प्यार की चाहत, चाह- चाह कर
मत पूछों, मर-मर जीती रहती हूँ
कहते हैं प्यार बहुत मीठा होता है
मै तो बस यूँ हीं तड़पा करती हूँ
अश्रु बूंद की बन-बन सरिता
अबिरल, उर मध्य बहा करती हूँ
आ जाओ मेरी बाँहों में अब तुम
बस यही सपन मै देखा करती हूँ
कब आओगे तुम कुछ तो कह दो
पागलपन की हद से गुजर कर
मधू "मुस्कान"
अश्रु बूंद की बन-बन सरिता
अबिरल, उर मध्य बहा करती हूँ
आ जाओ मेरी बाँहों में अब तुम
बस यही सपन मै देखा करती हूँ
कब आओगे तुम कुछ तो कह दो
बन पागली बस फिरती रहती हूँ
पागलपन की हद से गुजर कर
मत पूछों मै कैसे जीती रहती हूँ
मधू "मुस्कान"
BEHAD KHOOBSHOORAT GAZAL, कब आओगे तुम कुछ तो कह दो
जवाब देंहटाएंबन पागली बस जीती रहती हूँ
पागलपन की हद से गुजर कर
मत पूछों मै कैसे जीती रहती हूँ
SUPAB GAZAL
जवाब देंहटाएंप्रेम पगी पंक्तियाँ ...... मन की व्यथा कथा लिए सरल भाव.....
जवाब देंहटाएंBhartiy nari me chupi samarpan ko bkhubi vya karti gazal,realyy very nice
जवाब देंहटाएंअश्रु बूंद की बन-बन सरिता
अबिरल, उर मध्य बहा करती हूँ
आ जाओ मेरी बाँहों में अब तुम
बस यही सपन मै देखा करती हूँ
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंआपकी यह बेहतरीन रचना बुधवार 07/11/2012 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. कृपया अवलोकन करे एवं आपके सुझावों को अंकित करें, लिंक में आपका स्वागत है . धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबेपनाह दीवानगी को उड़ेला है आपने अपनी इस रचना में | अपने ब्लॉग की फीड जरूर लगाएं ताकि हमें आपकी नयी रचनाओं की सूचना मिलती रहे |
जवाब देंहटाएंटिप्स हिंदी में
दर्द प्यार का, इतना गहरा होगा
जवाब देंहटाएंमै छुप-छुप बस रोती रहती हूँ
.....दिल को छूती बहुत मर्मस्पर्शी रचना...शब्दों और भावों का बहुत सुन्दर संयोजन...
जवाब देंहटाएंकुछ कुछ प्रतिपल ढूंढती सी रहतीं हैं आपकी समेटने को आतुर जीवन को .20 घंटे के हवाई सफ़र ने दूर रखा आभासी जग से , अपने अंतर से .
जवाब देंहटाएंकब आओगे तुम कुछ तो कह दो
बन पगली बस फिरती रहती हूँ
कुछ कुछ प्रतिपल ढूंढती सी रहतीं हैं आपकी रचनाएं समेटने को आतुर जीवन सरिता को .20 घंटे के हवाई सफ़र ने दूर रखा आभासी जग से , अपने अंतर से .
पागलपन की हद से गुजर कर
जवाब देंहटाएंमत पूछों मै कैसे जीती रहती हूँ...........jee nahin poonchhenge.best of luck.
बहुत बढ़िया जी
जवाब देंहटाएंप्यार की खुबसूरत अभिवयक्ति.......
जवाब देंहटाएंkitani saralta se vyakt hua hai ...ati sundar :)
जवाब देंहटाएंबेहतरीन
जवाब देंहटाएंसादर
खुबसूरत खुबसूरत
जवाब देंहटाएंवाह ||
जवाब देंहटाएंक्या खूब रचना है...
प्रेम की पराकाष्ठा.. अति सुन्दर
अभिव्यक्ति...
:-)
शब्द और भाव का खूबसूरत संयोजन!!!
जवाब देंहटाएंवाह...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत प्यारी रचना....
सुन्दर!!
अनु
जवाब देंहटाएंमोहब्बत का आगाज़ ,दिल की जुबाँ होती हैं आँखें ,
मौत का पैगाम होतीं हैं आँखे ,आपकी टिप्पणियाँ जान हैं लेखन की शान हैं .आभार ,आभार .
ये जो प्रेम है बड़ा उन्मादी है ,एक शैर अर्ज़ है प्रेमी की मनोदशा पे -
जवाब देंहटाएंजब तबीयत किसी पे आती है ,
मौत के दिन करीब होतें हैं .
आप जिनके करीब होतें हैं ,
वो बड़े खुश नसीब होतें हैं .
वाह ...बहुत खूब
जवाब देंहटाएंवाह ...बहुत बहुत प्यारी रचना....
जवाब देंहटाएंविविध रूपा नारी द्वारा आलोकित दीप हर दम जग उजियारा KARE.
जवाब देंहटाएंHAPPY DIVALI.
Vakae,Prem divana,pagal bna deta h.
जवाब देंहटाएंजग उजियारा करे आपका आलोक आपका आभा मंडल निरंतर विकसे फूलें फलें आप पल्लवित होवें दिवाली पर .शुभ दिवाली .
जवाब देंहटाएं