जंग जिन्दगी से जारी है
अब हौसलों की बारी है
ये इरादों की उड़ान है मेरे
मेरे ख्वाहिशों की बारी है
मौत लाख खफा हो ले तू
अब जिंदगी की बारी है
न कह वक्त सब पे भारी है
ये हौसला वक्त पे भारी है
पंख फड़फड़ाने लगे है आज
अब ऊँची उड़ान की बारी है
न पकड़ बैसखिओं को तू
कट गये बाजुओं की बारी है
रूख तूफ़ान का मोड़ देंगे हम
अपने इरादों से जंग जरी है
जिसे मौत समझ डर रहा तू
सच में वो जिंदगी की सवारी है
आज जी भर के जिंदगी जी लो
आज मेरी,कल तुम्हारी बारी है मधु "मुस्कान "
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