(विवाह गीत)
मर्दों की नज़रो से बचना सखी तुम
झोके हवा के बड़े तेज , दुपट्टा गिरने न पाए
मर्दों की नज़रों से बचना सखी, पाँव फिसलने न पाए
सखी रहना बहुत होशियार , रस्ता भटकने न पाए
माहिर बहुत बात करने में होते, दिल मचलने न पाए
रखना बहुत अपना ध्यान, नज़रें बहकने न पाए
धोखेबजी में इनका शानी नहीं,कजरा बहने न पाए
पाँव रखना बहुत तुम सम्हाल ,बिंदियाँ गिरने न पाए
जात मर्दों की भोली लगती बहुत ,भूल होने न पाए
रहना, इनसे बहुत, तुम दूर , आँसूं छलने न पाए
समझना, परखना इन्हें गौर से ,बाँहे खुलने न पाए
कसना कसौटी पे पहले इन्हें , धोखा होने न पाए
बहाने बनाने में, ए हैं बड़े शातिर ,दिल धड़कने न पाए
सखी सुनना इन्हें चुप -चाप ,बात आगे बढ़ने न पाए
रखना नज़र ,इनकी नज़रों पे तुम ,कहीं लड़ने न पाए
सखी रहना, बहुत होशियार , मुक़दमा होने न पाए
झाँक -ताक में माहिर बहुत ए , खिड़की खुलने न पाए
लम्बा घूघट तूँ कर ले सखी , चेहरा दिखने न पाए
बाग -बगीचे में चक्कर लगाते ,चक्कर चलने न पाए
सखी रहना बहुत ही सम्हल कर , हल्ला होने न पाए
ए होते बहुत मक्कार , रंग बसन्ती चढ़ने न पाए
दिल को रखना पकड़ दोनों हाथो में ,राज खुलने न पाए
ठिठोली हसीं इनकी फितरत में हैं ,हँसीं डसने न पाए
बंद रखना तूं दिल की किवाड़ ,दरवाज़ा खुलने न पाए
गर दिल तेरा न माने सखी ,भूल से भी ए रोने न पाए
पायल अपना तूँ रखना सम्हाल , कहीं बजने न पाए
नजरें मोहल्ले की तुम पर लगी हैं ,खबर उड़ने न पाए
(यह एक नव रचित विवाह गीत है ,न की पुरुषों के मर्यादा हनन का प्रयास )
गर दिल तेरा न माने सखी ,भूल से भी ए रोने न पाए
पायल अपना तूँ रखना सम्हाल , कहीं बजने न पाए
नजरें मोहल्ले की तुम पर लगी हैं ,खबर उड़ने न पाए
जरा रखना धीरे -धीरे तुम पाँव ,मोहल्ला जगने न पाए
(यह एक नव रचित विवाह गीत है ,न की पुरुषों के मर्यादा हनन का प्रयास )
मधु "मुस्कान "
गज़ल के माध्यम से आपने अच्छा सन्देश दिया है!
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जवाब देंहटाएंये मर्द बड़े दिल सर्द बड़े ,बेदर्द न धोखा खाना ,
मीठी मीठी बतियों में भूल के न आना .
सुन्दर उपालम्भ गीत विवाह पर तो मांगलिक गालियाँ भी गई जाती हैं .कभी एक पोस्ट उन पर भी जन भाषा की मिठास लिए .
घूंघट कर लें -सखी रखना घूंघट तुम काढ़
शुक्रिया आपकी टिपण्णी का .
"समझना, परखना इन्हें गौर से ,बाँहे खुलने न पाए
जवाब देंहटाएंकसना कसौटी पे पहले इन्हें , धोखा होने न पाए"
बहुत ही लाजबाब विवाह गीत ,,,,रचना मुझे बहुत अच्छी लगी,,,,बधाई
जवाब देंहटाएंRECENT POST... नवगीत,
सार्थक संदेश देती सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंबहाने बनाने में, ए हैं बड़े शातिर ,दिल धड़कने न पाए
जवाब देंहटाएंसखी सुनना इन्हें चुप -चाप ,बात आगे बढ़ने न पाए ..
चेतावनी देती है आपकी गज़ल ... सावधान रहें देश की नारी ...