तुम प्रणय की बीथिका से , प्यार के संदेस लिखना
कर प्रफुल्लित ह्रदय अपना ,प्यार से तुम पुष्प चुनना
ह्रदय के हर पृष्ठ पर तुम, हर्ष मिश्रित भाव लिखना
मै लिखूं मनु तुझे ,तुम प्यार से श्रद्धा सृजन की लिखना
तुम सृष्टी के नव सृजन का एक नया इतिहास लिखना
मै प्यार की गरिमा बनू ,तुम प्यार का मधुमास लिखना
मै बनू एक धवल गंगा ,तुम प्यार का हिमताज बनना
मै प्यार की भाषा बनू, तुम हृदय का भाष्य लिखना
मै धरा की गाथा लिखूँ ,तुम व्योम का विस्तार लिखना
मैं क्षितिज की सहचरी ,तुम मेरा अवलम्ब बनना
कर सुसज्जित स्वयं को ,तुम मेरा आभास बनना
मै प्यार की ऊँचाईयाँ , तुम प्यार का सोपान बनना
मै बनू पथ गामिनी, तुम प्यार-पथ का श्रृंगार बनना
मै रहूँ बाहु पास में आलिंगित ,तुम आलिंगन करना
मै विष उदधि के गर्भ की ,बन शिव तुम विष पान करना
मधु "मुस्कान "
bahut pyari rachna madhuji.
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा प्रस्तुति,,,बधाई मधु जी
जवाब देंहटाएंrecent post: बसंती रंग छा गया
अर्थपूर्ण , अति सुंदर पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंbhav pooran avm goodh shbdawli..sunder rchna
जवाब देंहटाएंभाव, भाषा ,शब्द विन्यास ,मर्यादा,संस्कृति,सृजन की दृष्टि से अतुलनीय और खूबशूरत प्रस्तुति,मधु जी,इस रचना के लिए दिल से बधाई!!!
जवाब देंहटाएंमैं क्षितिज की सहचरी ,तुम मेरा अवलम्ब बनना
जवाब देंहटाएंकर सुसज्जित स्वयं को ,तुम मेरा आभास बनना
मै प्यार की ऊँचाईयाँ , तुम प्यार का सोपान बनना
मै बनू पथ गामिनी, तुम प्यार-पथ का श्रृंगार बनना
सुन्दर प्रस्तुति . बहुत ही अच्छा लिखा आपने
वाह ...बहुत खूब कहा है आपने ।
जवाब देंहटाएंबसंत पंचमी की शुभकामनाएँ !!!
जवाब देंहटाएंये विजेट सफलतापूर्वक अपने ब्लॉग पर स्थापित करने के बाद "टिप्स हिंदी में" ब्लॉग पर टिप्पणी अवश्य दें |
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर उद्गारों की अभिव्यक्ति हुई है गीत में -बीन में तेरी ,तू झंकार बनना,रागिनी मैं तू गायंहार बनना ,रागिनी मैं बनूँ तू साज़ बनना .प्रीत मैं तू प्रीत का उपहार बनना .थाती बनूँ मैं तू साहूकार बनना .
बसंत मुबारक .
सुन्दर प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंआभार आदरेया |
सादर नमन
बढ़िया प्रस्तुति | बधाई
जवाब देंहटाएंTamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
bahut sundar rachna
जवाब देंहटाएंbahut sundar prem geet ...
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