बातें करें
सरापा जिश्म अहिल्या का क्यों हो गया पत्थर
चलो हम आज ऋषियों के अन्याय की बातें करें
हाथ दुस्शाशन के लुटी थी लाज द्रौपदी की, सभा में
क्यों न दुर्योधन की सभा में हम लाज़ की बातें करें
हरण सीता का हुआ,परीक्षा आग्नि में देनी पड़ी
है हो गया ज़रूरी हम आज मर्यादा की बातें करें
मत्स्यगंधा भी हुई थी मुनि - बासना की शिकार
क्यों न मुनिओं के घृणित व्यभिचार की बातें करें
इतिहास के हर पृष्ठ है अंकित कहानी अन्याय की
भूल कर भी न हम इनके दुहराने की बातें करें
कहानी छोड़ पीछे की चलो हम आज की बातें करें
है कहानी रोज दुहराई जाती यहाँ ,सर झुका बातें करें
बन झुनझुने हम हाथ के,क्यों हो गये हैं आज बेबस
चलो अन्याय की छाती पर मूँग दलने की बातें करें
आगाज़ तो है सामने रहनुमाओं के घिनौने कृत्य का
मिटा हस्ती दरिंदों की बेशक ,नए अंजाम की बातें करें
मधु"मुस्कान"
बन झुनझुने हम हाथ के,क्यों हो गये हैं आज बेबस
जवाब देंहटाएंचलो अन्याय की छाती पर मूँग दलने की बातें करें
दृढ़ और शुभ संकल्प की रचना .
आईना दिखती रचना ।
जवाब देंहटाएंलगता है अब आईने भी बात करने लगे हैं...... मत्स्यगंधा भी हुई थी मुनि - बासना की शिकार
जवाब देंहटाएंक्यों न मुनिओं के घृणित व्यभिचार की बातें करें
इतिहास के हर पृष्ठ है अंकित कहानी अन्याय की
भूल कर भी न हम इनके दुहराने की बातें करें
BAHUT KHOOB ......SACCHI BAT KAH DI AAPNE ..MADHU JEE ....
जवाब देंहटाएंआगाज़ तो है सामने रहनुमाओं के घिनौने कृत्य का
जवाब देंहटाएंमिटा हस्ती दरिंदों की बेशक ,नए अंजाम की बातें करें
मैं स्वयं आश्चर्य चकित हूँ कि ऋषि पत्नी अहिल्या का सतीत्व कैसे भोथरा हो गया इन्द्र के स्पर्श से अन्यथा उसे जान लेना था इंद्र के पैरों के धमक से। सीता की अग्नि परीक्षा राम चरित मानस अनुसार लीला के अंतर्गत है लोक कल्याण में। रही कथा द्रौपदी की तो हरि अनत हरिकथा अनंता आज का आपका आक्रोश सोलह आने सच है ***********
आगाज़ तो है सामने रहनुमाओं के घिनौने कृत्य का
जवाब देंहटाएंमिटा हस्ती दरिंदों की बेशक ,नए अंजाम की बातें करें
....बहुत सुन्दर और सटीक अभिव्यक्ति...
बहुत सुन्दर मन की गहराइयों तक उतरती रचना , कितनी सही बात की आपने मधु जी ..
जवाब देंहटाएंबन झुनझुने हम हाथ के,क्यों हो गये हैं आज बेबस
जवाब देंहटाएंचलो अन्याय की छाती पर मूँग दलने की बातें करें
वाह !श्लेशार्थ है इन पंक्तियों में -झुनझुनें हाथ के क्यों हो गये हम ,......अपने मिजाज़ के क्यों न हुए ....
aao naye anjaam ki baat karen..:)
जवाब देंहटाएंpurani baato se kya karna...
behtareen rachnakaraaa ho aap ...
शोचनीय रचना!
जवाब देंहटाएंसुन्दर भावों को बखूबी शब्द जिस खूबसूरती से तराशा है। काबिले तारीफ है।
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