ख़ुद की तलाश में
जाने कहाँ ले जायगी ये पालकी मुझे
आँखों के मैकदे जरा खोल दीजिए
निकली हूँ आज सज़ मैं घर से अकेली
राज़ सारे दिल के जरा खोल दीजिए
मैं ख़ुद से दूर हो गयी ख़ुद की तलाश में
मेरे पते को अपना पता बोल दीजिए
मेरे खयाल मेरे ही मेहमान बन गए
मेरे ख़यालों को बस अपना नाम दीजिए
आँखों से कहीं दूर है उल्फ़त की रोशनी
उल्फ़त के चरांगों को जलने तो दीजिए
मौसम का इशारा है चूम लो आँखों को
पत्थर नहीं हूँ मोम हूँ जरा छू तो लीजिए
तुमने मेरा काटों सज़ा बिस्तर नहीं देखा
दो चार पल ही मुझको जी तो लीजिए
मधु "मुस्कान"
मेरे पते को अपना पता बोल दीजिए
मेरे खयाल मेरे ही मेहमान बन गए
मेरे ख़यालों को बस अपना नाम दीजिए
आँखों से कहीं दूर है उल्फ़त की रोशनी
उल्फ़त के चरांगों को जलने तो दीजिए
मौसम का इशारा है चूम लो आँखों को
पत्थर नहीं हूँ मोम हूँ जरा छू तो लीजिए
तुमने मेरा काटों सज़ा बिस्तर नहीं देखा
दो चार पल ही मुझको जी तो लीजिए
मधु "मुस्कान"
मेरे खयाल मेरे ही मेहमान बन गए
जवाब देंहटाएंमेरे ख़यालों को बस अपना नाम दीजिये
बहुत गहरी सोच
खुबसूरत गजल
खूबसूरत गज़ल
जवाब देंहटाएंबहुत खूब , मैं ख़ुद से दूर हो गयी ख़ुद की तलाश में
जवाब देंहटाएंमेरे पते को अपना पता बोल दीजिए
मेरे खयाल मेरे ही मेहमान बन गए
मेरे ख़यालों को बस अपना नाम दीजिए
आँखों से कहीं दूर है उल्फ़त की रोशनी
उल्फ़त के चरांगों को जलने तो दीजिए
मौसम का इशारा है चूम लो आँखों को
पत्थर नहीं हूँ मोम हूँ जरा छू तो लीजिए
जवाब देंहटाएंमैं ख़ुद से दूर हो गयी ख़ुद की तलाश में
मेरे पते को अपना पता बोल दीजिए
हम वहां हैं ,जहां से ,खुद हमें अपनी खबर नहीं .
बड़ी मधुर मनुहार ...
जवाब देंहटाएंमौसम का इशारा है चूम लो आँखों को
जवाब देंहटाएंपत्थर नहीं हूँ मोम हूँ जरा छू तो लीजिए
मन के गहन भाव को व्यक्त करती रचना
बधाई
आग्रह है मेरे ब्लॉग का भी अनुसरण करे
http://jyoti-khare.blogspot.in
वाह ...बहुत बढिया
जवाब देंहटाएंमेरे खयाल मेरे ही मेहमान बन गए
जवाब देंहटाएंमेरे ख़यालों को बस अपना नाम दीजिए
बहुत खूब !बहुत खूब !बहुत खूब!कोमल पदावली और भाषा शैली में भाव शायरी दिल से , बिम्ब लिए जीवन का विछोह लिए प्रेमी का .बहुरिया से आत्मा का विछोह लिए .
बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल की प्रस्तुति,आभार.
जवाब देंहटाएंBeautiful - Laajawab
जवाब देंहटाएंखूबसूरत अंदाज़े बयाँ
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