मेरे पास आओ , मुझे अपना बना लो
खुशबू सांसों को तुम अपनी सांसें बना लो
थाम लो वक्त को है बहुत तेज रफ़्तार अब
मौजे दरिया का मुझको तुम साहिल बना लो
समंदर में डूबे, चलो एक साथ हम- तुम
अपनी आँखों को मेरा समंदर बना लो
रहें उस समंदर में बस हम ता उम्र डूबे
मेरी धड्कन को अपनी धड्कन बना लो
चन्द लम्हे ही हैं, अब बचे जिन्दगी के
मुझको बाँहों भर उनको सदियाँ बना लो
साँस की तो बहुत तेज रफ़्तार,हो गई अब
मेरी सांसों को तुम अपनी सांसे बना लो
है नया वर्ष आया बन खुशिओं का दस्तक
सारे ख्वाबों तुम एक हकीकत बना लो
पास आकर मेरे तुम सिर्फ बाँहों में बैठो
सारी खुशियाँ जहाँ की तुम अपना बना लो
पंखुड़ी पर गुलाबों के एक सन्देश लिख कर
ज़िन्दगी भर की खुशियाँ दिल में सजा लो
मधु "मुस्कान"
सुन्दर ग़ज़ल प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंBehtreen
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
बढ़िया रचना...
जवाब देंहटाएंमोहब्बत को आमन्त्रण देती बेहद खूबशूरत प्रस्तुति पास आ ही जाओ मेरे, अब न शर्माओ तुम
जवाब देंहटाएंखुशबू सांसों की मेरी तुम अपना बना लो
थाम लो वक्त की तुम तेज रफ़्तार को अब
मौजे दरिया का मुझको तुम साहिल बना लो
सुन्दर प्रस्तुति ,बेहतरीन भाव*********^^^^^^^^^************* " पास आ ही जाओ मेरे, अब न शर्माओ तुम
जवाब देंहटाएंखुशबू सांसों की मेरी तुम अपना बना लो
थाम लो वक्त की तुम तेज रफ़्तार को अब
मौजे दरिया का मुझको तुम साहिल बना लो
समंदर में डूबे, चलो एक साथ हम- तुम
अपनी आँखों को मेरा समंदर बना लो
बड़े ही लाजवाब अंदाज़ में बेहद संवेदनशील प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंलाजबाब सुंदर प्रस्तुति,,,,
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