behtreen...
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार 18/12/12 को चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका इन्तजार है
बहुत खूब!
Bahut khoob
वाह,बहुत खूब सुंदर रचना,,,,recent post: वजूद,
क्या बात
बहुत खूब मधु जी .क्या नूर है क्या जलवा है ये ग़ज़ल है की बेहद हसींन आपका का जलवा है
वाह !
बस इतना ही, या कुछ और भी है जो किसी लिंक पर क्लिक करने से दिखाई देगा।
बहुत खूब
वाह ... बेहतरीन
दो शब्दों में,गहराई जो नापी न जा सके.मुहब्बतों की बात ही कुछ ऐसी है.
अप्रतिम रचना .शुक्रिया आपकी सद्य टिप्पणियों का . गुमशुदा शख्स जो चला था नापने गहराई मेरे मोहब्बत की है मुद्दतों से गुमशुदा वो अब तलक वापस न आ सका
behtreen...
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार 18/12/12 को चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका इन्तजार है
जवाब देंहटाएंबहुत खूब!
जवाब देंहटाएंBahut khoob
जवाब देंहटाएंवाह,बहुत खूब सुंदर रचना,,,,
जवाब देंहटाएंrecent post: वजूद,
क्या बात
जवाब देंहटाएंबहुत खूब मधु जी .क्या नूर है क्या जलवा है ये ग़ज़ल है की बेहद हसींन आपका का जलवा है
जवाब देंहटाएंवाह !
जवाब देंहटाएंबस इतना ही, या कुछ और भी है जो किसी लिंक पर क्लिक करने से दिखाई देगा।
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंवाह ... बेहतरीन
जवाब देंहटाएंदो शब्दों में,गहराई जो नापी न जा सके.
जवाब देंहटाएंमुहब्बतों की बात ही कुछ ऐसी है.
अप्रतिम रचना .शुक्रिया आपकी सद्य टिप्पणियों का .
जवाब देंहटाएंगुमशुदा
शख्स जो चला था नापने गहराई मेरे मोहब्बत की
है मुद्दतों से गुमशुदा वो अब तलक वापस न आ सका