गुरुवार, 13 दिसंबर 2012

23.Madhu Singh : Chehara-Chal










        
         चेहरा -चाल 


      अभी तुम  चेहरा बदले हो अब  तुम  चाल बदलोगे 
      बड़े  बेशर्म लगते  हो, न जाने कितने  रंग बदलोगे

     अभी तुम दर्पण बदले  हो अब  तुम तस्बीर बदलोगे 
     तुम्हारी हरकतें गंदी क्या वतन की तहज़ीब बदलोगे 

                              
      अभी  तुम भाषा  बदले हो अब तुम  बोली बदलोगे
      बड़े   इंसान हो घटिया  न जाने क्या -क्या बदलोगे  

     अभी तुम पंख बदले हो अब तुम परवाज़ बदलोगे 
     अभी तुम कफ़न बदले हो अब तुम लाश  बदलोगे 

      हया का अर्थ बदले हो अब शरम की भाषा बदलोगे
     अभी तुम बीवी  बदले  हो अब तुम नज़र   बदलोगे

     बड़े तुम मर्द बनते हो  क्या   बहन का अर्थ बदलोगे 
     हदें तुम तोड़ कर सारी  क्या अब  माँ -बाप बदलोगे 

  




                                               मधु  "मुस्कान"  


  

    

 

 

 

 


   


 






3 टिप्‍पणियां:

  1. अभी तुम भाषा बदले हो अब तुम बोली बदलोगे
    बड़े इंसान हो "घाटियाँ"न जाने क्या -क्या बदलोगे,,,( घटिया )

    बहुत उम्दा सृजन,,,,बधाई।

    recent post हमको रखवालो ने लूटा

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  2. हाय क्या जमाना आगया ,कोशिशे भी कैसी कैसी होने लगीं है ,आज के सामाजिk ढांचे की परिवर्तन की तरफ संकेत करती एक सुन्दर प्रस्तुति अभी तुम चेहरा बदले हो अब तुम चाल बदलोगे
    बड़े बेशर्म लगते हो, न जाने कितने रंग बदलोगे

    अभी तुम दर्पण बदले हो अब तुम तस्बीर बदलोगे
    तुम्हारी हरकतें गंदी क्या वतन की तहज़ीब बदलोगे

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  3. |सुन्दर प्रस्तुति******अभी तुम पंख बदले हो अब तुम परवाज़ बदलोगे
    अभी तुम कफ़न बदले हो अब तुम लाश बदलोगे

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