दो पल ही, सही आप मुझे जी तो लीजिए
जो कह न पाया अब तलक मैंने आपसे
हिम्मत जुटा के आप , वो कह तो दीजिए
माथे की सलवटों को, तुम देखते बहुत हो
जरा पास आ के मेरे , उन्हें पढ़ तो लीजिए
है ये कोई खेल नहीं' मेरी जिंदगी का घाव है
हाँ,कह के एक बार बस,जुबां सी ही लीजिए
तुम बिन बने हैं ज़ख्म मेरे दिल में हजारों
बस, एक बार आ के आप उन्हें देख लीजिए
है आपका ही नाम तो, हर जख्म पर लिखा
बस, पास आ के आप उसे पढ़ तो लीजिए
सदिओं से जल रहा है एक शक्स सहर में
बस,उसका चेहरा आप अब पहचान लीजिए
है पहेली जो मिली अपनों से ही बक्शीश में
बस,एक बार पढ़ के आप उसे हल तो कीजिए
मधु "मुस्कान"
है आपका ही नाम तो, हर जख्म पर लिखा
जवाब देंहटाएंबस, पास आ के आप उसे पढ़ तो लीजिए
...वाह! बहुत सुन्दर और मर्मस्पर्शी...
सुन्दर ग़ज़ल प्रस्तुति!
जवाब देंहटाएंसुन्दर भावपूर्ण गजल....
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जवाब देंहटाएंदिनांक 07/01/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
धन्यवाद!
सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति****^^^^**** है आपका ही नाम तो, हर जख्म पर लिखा
जवाब देंहटाएंबस, पास आ के आप उसे पढ़ तो लीजिए
सदिओं से जल रहा है एक शक्स सहर में
बस,उसका चेहरा आप अब पहचान लीजिए
है पहेली जो मिली अपनों से ही बक्शीश में
बस,एक बार पढ़ के आप उसे हल तो कीजिए
वाह वाह,... क्या अंदाज़े गुफ्तगू है, क्या अंदाज़े आरज़ू है,,मधु जी बहुत संवेदनशील और मर्मस्पर्शी प्रस्तुति , " बस एक बार आप मेरा कहा मन लीजिये ....."
जवाब देंहटाएंसुन्दर ग़ज़ल.
जवाब देंहटाएंसच कहा आपने
जवाब देंहटाएंदो पल ही सही जी तो लेने दीजिये !
जो कह न पाया अब तलक मैंने आपसे
जवाब देंहटाएंहिम्मत जुटा के आप ही,वो कह तो दीजिए ..
कहना आसान होता तो फिर बात की क्या ... लाजवाब शेर है ...
बेहतरीन अंदाज़ में की गयी आपकी गुजारिस दिल को झकझोर देरही है है गुजारिस आप से, कुछ कह तो दीजिए
जवाब देंहटाएंदो पल ही, सही आप मुझे जी तो लीजिए.............है आपका ही नाम तो, हर जख्म पर लिखा
बस, पास आ के आप उसे पढ़ तो लीजिए ............है पहेली जो मिली अपनों से ही बक्शीश में
बस,एक बार पढ़ के आप उसे हल तो कीजिए .
सदिओं से जल रहा है एक शक्स सहर में
जवाब देंहटाएंबस,उसका चेहरा आप अब पहचान लीजिए
बे -कलि की इन्तहा हो गई ,मिलते ही फना हो गए
न जी भरके देखा न कुछ बात की ,
जवाब देंहटाएंबड़ी आरजू थी मुलाक़ात .
कुछ यही अंदाज़ लिए है आपकी रचनाएं .विरह की तपिश ,श्रृंगार में भी विछोह .