चेहरा
उस वख्त गर छलक जाते मेरे आँखों से आँसू
सुबह,अख़बार की सुर्खी में, चेहरा आप का होता
कहानी जो नहीं लिक्खी जा सकी है अब तलक
उसे सुनहरे पंख लग जाते, चेहरा आप का होता
सभी वाकिफ़ तो हो जाते मोहब्बत की खबर से
मुझे रफ़्तार मिल जाती, चेहरा आप का होता
गर ढील दे देती मुझे,अपनी बाँहों की जंजीरों से
हमारी ईद हो जाती ,पर चेहरा आपका होता
पता गर मिल गया होता ज़हां पानी है ठहरा हुआ
हमे भी दीद हो जाता ,पर चेहरा आप का होता
है कहानी जो अधूरी अब तलक गर लिख गई होती
इनायत आप की होती , गुज़र मेरा भी हो जाता
अँधेरें दिल के मिट जाते ,पर चेहरा आप का होता
मधु"मुस्कान"
कहानी जो नहीं लिक्खी जा सकी है अब तलक
उसे सुनहरे पंख लग जाते, चेहरा आप का होता
सभी वाकिफ़ तो हो जाते मोहब्बत की खबर से
मुझे रफ़्तार मिल जाती, चेहरा आप का होता
गर ढील दे देती मुझे,अपनी बाँहों की जंजीरों से
हमारी ईद हो जाती ,पर चेहरा आपका होता
पता गर मिल गया होता ज़हां पानी है ठहरा हुआ
हमे भी दीद हो जाता ,पर चेहरा आप का होता
है कहानी जो अधूरी अब तलक गर लिख गई होती
हमारा नाम हो जाता ,पर चेहरा आप का होता
इनायत आप की होती , गुज़र मेरा भी हो जाता
अँधेरें दिल के मिट जाते ,पर चेहरा आप का होता
गर पता मुझको ठिकाने का पूरा मिल गया होता
तबस्सुम आपका होता , वो चेहरा आप का होता
( यह रचना अज़ीज़ जौनपुरी साहब,जो मेरे सौहर हैं, को आज उनके जन्म दिन पर सादर )
( यह रचना अज़ीज़ जौनपुरी साहब,जो मेरे सौहर हैं, को आज उनके जन्म दिन पर सादर )
मधु"मुस्कान"
behtreen rachna....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना!
जवाब देंहटाएंअगर मतला बी होता तो ग़ज़ल कही जा सकती थी!
सुन्दर भाव,बेहतरीन प्रस्तुति,शास्त्री जी की बात से मै पुर्णतः सहमत हूँ ,भावनाओं को जैसे पंख लग गये हों
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति*****^^^^^****** उस वख्त गर छलक जाते मेरे आँखों से आँसू
जवाब देंहटाएंसुबह,अख़बार की सुर्खी में, चेहरा आप का होता
मुझे तेरी मोहब्बत का सहारा मिल गया होता ,
जवाब देंहटाएंअगर तूफ़ान नहीं आता किनारा मिल गया होता .
कुछ ऐसी ही वेदना और खोज है इस गीत -गजल -राग में ,अनुराग में जिंदगी की रागात्मकता का पीछा करती हो जैसे ज़िन्दगी और वह हर बार हाथ छुड़ाके किनारा करती हो .
मन के भावनाओं की उम्दा प्रस्तुति,,,,
जवाब देंहटाएंrecent post: किस्मत हिन्दुस्तान की,
सर जन्मदिवस की ढेरों शुभकामनाएं....
जवाब देंहटाएंउस वख्त गर छलक जाते मेरे आँखों से आँसू
सुबह,अख़बार की सुर्खी में, चेहरा आप का होता सुन्दर आगाज
कहानी जो नहीं लिक्खी जा सकी है अब तलक
उसे सुनहरे पंख लग जाते, चेहरा आप का होता वाह
सभी वाकिफ़ तो हो जाते मोहब्बत की खबर से
मुझे रफ़्तार मिल जाती, चेहरा आप का होता क्या बात है
गर ढील दे देती मुझे,अपनी बाँहों की जंजीरों से
हमारी ईद हो जाती ,पर चेहरा आपका होता हाय हाय
पता गर मिल गया होता ज़हां पानी है ठहरा हुआ
हमे भी दीद हो जाता ,पर चेहरा आप का होता लाजवाब मस्त
है कहानी जो अधूरी अब तलक गर लिख गई होती
हमारा नाम हो जाता ,पर चेहरा आप का होता अति सुन्दर
इनायत आप की होती , गुज़र मेरा भी हो जाता
अँधेरें दिल के मिट जाते ,पर चेहरा आप का होता मज़ा आ गया
गर पता मुझको ठिकाने का पूरा मिल गया होता
तबस्सुम आपका होता , वो चेहरा आप का होता बेहतरीन उम्दा
सभी के सभी अशआर माशाल्लाह बेमिसाल हैं दिली दाद कुबूलें .
बेहतरीन भों की खुशबू को उडेरती इस रचना का स्वगत इन पंक्तिओं न करना नाइंसाफ़ी होगी "रोज़ सुख -दुःख की बात करती थी ,आज चुप- चाप यूँ चली गयी खुशबू ........"
जवाब देंहटाएंMam meri aur se sir ko jnmdin bahut bahut Mubarak......... samst pnktiya uttm.
जवाब देंहटाएंवाह वाह ,क्या खूब @@@@@इनायत आप की होती , गुज़र मेरा भी हो जाता
जवाब देंहटाएंअँधेरें दिल के मिट जाते ,पर चेहरा आप का होता
गर पता मुझको ठिकाने का पूरा मिल गया होता
तबस्सुम आपका होता , वो चेहरा आप का होता