रविवार, 10 फ़रवरी 2013

63.मधु सिंह : वेल -इन-टाईम

      
             वेल -इन-टाईम 

           दूर  नहीं वेलेंटाईन डे अब  , डिअर  रहो  तुम  वेल- इन-टाइम 
           देर  डिअर  न  होने  पाए तुमसे, कहलायेगा   यह  एक  क्राइम 

           इधर  उधर की  तुम  मत  सोचो ,कर दो एक  खूबशूरत क्राइम
           दिखे अगर वो कहीं भी तुमको कर लेना तुम किस एक फ्लाइंग        

           तुम  तो  मॉडर्न हो गए, कह, कह, कह, कर केवल  वेलेंटाईन 
            हम  बने  रह   गए  गाँव -गवारूं , नहीं  कह  सके  वेलेंटाइन  

          रहे  जिन्दगी  भर  संग जिसके , कभी  नहीं था वो  इन टाइम 
          फिर  भी  रोज  मनाते  हम  मिल, शर्मा -शर्मा  कर वेलेंटाइन  

           बुक  कर लो  तुम आज  ही पार्लर,सज धज  रहना  इन टाइम
           मूँछ पूँछ  सब   साफ  करा  कर बन जाना  तुम लाइफ टाइम

          माँ  की  गर   दवा   हो  लानी ,  कहना  आज   नहीं   है  टाईम 
          डिअर,  तुम   हंस-  हंस   कहना  ,  माम  आज  है   वेलेंटाइन 

          कितना  भी  तुम  शोर  मचा लो , चाहे पी लो  कितने इंजाइम
          नहीं , भरोसा  तुम पर, उस पर,रोज करो तुम मिल किच्चाइन

          करो  रोज  तुम  अपने  मन  की,  हुए  आज  हम आउट टाइम
           हो  तुम्हे  मुबारक   वैलेंटाईन ,   हमें   मुबारक  अपना  टाइम

           बड़े  मूड  में  शौहर जी  थे , कहा  शर्म  से जरा सुन  वेलेंटाइन
           मैंने  कहा  आउटडेटेड  जी , क्यों  नहीं  मना  घर में वेलेंटाइन
          
           सुन  लो  मेरी  बात  ध्यान  से,  तुम  खूब  मनाओ  वेलेंटाइन 
           उसकी एक नहीं कितनी  डेटे हैं,  नहीं  मिलेगी  वो राईट टाइम 

            बड़ा  बहादुर  बनता  है  तूँ ,क्यों  बना  न पाया  लाइफ  टाइम
            लिव -इन  से  तो  बेहतर  है  बना लो  उसको  अब फुल टाइम

            रोज -रोज  तुम, "रोज "ढूढ़ते, कह  न  सके  "इलू" इन टाइम
            साठ  साल के हो  गए अब तुम, निकल  गया अब तेरा टाइम 
            
                "रोज"= गुलाब  ;   इलू = आई लव यू ; डेटे =फिक्स्ड डेट्स 


                                                                      मधु "मुस्कान" """


8 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........

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  2. व्यंग्य विनोद प्रेम रस संसिक्त प्रेम दिवस प्रणय गौरव गाथा .शुक्रिया आपकी टिपण्णी का .

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  3. बहुत ही खुबसूरत भावपूर्ण प्रस्तुति,आभार.

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  4. विस्फोटक ... बहुत ही प्रभावी गज़ल ...

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  5. माँ की गर दवा हो लानी , कहना आज नहीं है टाईम
    डिअर, तुम हंस- हंस कहना , माम आज है वेलेंटाइन

    आज के लड़के कर सकते हैं ये भी ... वेलेंटाइन का चक्कर जो है ...

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