शनिवार, 16 फ़रवरी 2013

68 . मधु सिंह : हटा कर कफ़न तुम मेरी माँग भर दो

     हटा कर कफ़न, तुम मेरी माँग भर दो  

    है  गुज़ारिस  आप से   बदनाम   कर दो 
    अपनी मोहब्बत को हमारे  नाम कर दो

    ज़माने  पर  एक  नया अहसान  कर दो 
    मेरे हवाले अपना मुकम्मल नाम कर दो     
   
    
    मोहब्बत को  उपनिसद  कूरान  कर दो 
    दौरे जहाँ  की एक नई  पहचान कर  दो

    हमारे जिश्म को रूह अपनी दान कर दो 
    रस्मे अलबिदा में, एक  नई जान भर दो

    तप  रहा  है  जिश्म  मेरा  प्यार कर दो
   उन्मुक्त कुन्तल की घनेरी छाँव कर दो
   
   अश्रु  पूरित  नेत्र  मेरे , मुस्कान  भर दो
   प्रेयसी  के  सौम्य सुख  की  चाह भर दो
 
   यामिनी  के  गर्भ   में  मधुमास  भर दो
   प्यार कर दो ,प्यार कर दो प्यार कर दो

   है आखिरी ख्वाहिस पूरे अरमान कर दो  
   ज़नाज़े  को मेरे तुम अपने नाम कर दो

    हटा  कर  कफ़न, तुम मेरी माँग भर दो
    चिता को ,मोहब्बत की ताबीज़ कर दो
   
  

                                मधु "मुस्कान "
  
  

     
   
    
  
   
   
   
 

10 टिप्‍पणियां:

  1. क्या कहा है आपने मधु आनंद आ गया पढ़कर |

    मोहब्बत को उपनिसद कूरान कर दो
    दौरे जहाँ की एक नई पहचान कर दो

    वाह क्या पंक्तियाँ है | मुहब्बत की तुलना खुदा से बहुत ही उम्दा ख़यालात | आभार

    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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  2. मधु सिंह जी नमस्कार आपके ब्लॉग पर मैं पहली बार आया हूँ
    अश्रु पूरित नेत्र मेरे , मुस्कान भर दो
    प्रेयसी के सौम्य सुख की चाह भर दो
    क्या शब्द दिए हैं इस अपने प्रेम को अद्भुत सच मैं एक सच्चे प्रेम की परिभाषा पेश करती रचना बहूत खूब
    आप से आशा करता हूँ की आप एक बार मेरे ब्लॉग पर जरुर अपनी हजारी देंगे और
    दिनेश पारीक
    मेरी नई रचना फरियाद
    एक स्वतंत्र स्त्री बनने मैं इतनी देर क्यूँ

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  3. बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना पढवाने के लिए आपका आभार !!

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  4. हटा कर कफ़न, तुम मेरी माँग भर दो
    चिता को ,मोहब्बत की ताबीज़ कर दो
    बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना
    latest postअनुभूति : प्रेम,विरह,ईर्षा
    atest post हे माँ वीणा वादिनी शारदे !

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  5. वाह मधु जी बेहद शानदार प्रस्तुति

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  6. अश्रु पूरित नेत्र मेरे , मुस्कान भर दो
    प्रेयसी के सौम्य सुख की चाह भर दो ..

    वाह सुन्दर शेर ... प्रेम की पराकाष्टा है ...

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  7. बहुत शानदार शब्दों से सजाई है आपने अपनी यह रचना |
    आशा

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  8. क्रांतिकारी धारणा -
    शुभकामनायें-

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  9. खूबशूरत अहसास ,नया अंदाज़ ,नई और
    नायब सोच

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